मैं आपको बताऊंगा कि option buy और option sell में क्या अंतर है, आपको option buy करना चाहिए या option sell करना चाहिए ? Option buying और option selling दोनों के मुनाफा और नुकसान क्या हैं, इसके बारे में आज हम विस्तार से बात करेंगे
option buying और option selling में अंतर यह है कि option buying आपको स्ट्राइक प्राइस पर कोई call या put option को खरीदने का अधिकार देता है जबकि option selling आपको option को बेचने का अधिकर देता है। मतलब option बायर option को खरीदता है जबकि option सेलर option को बेचता है।
Option Buying और Option Selling दोनों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं। लेकिन आपको बता दें कि एक डेटा के अनुसार इंडिया में 95% option buyer option ट्रेडिंग में पैसा गंवाते हैं और केवल 5% option बायर्स ही में पैसा कमाते हैं।
ठीक इसके उल्टा, 95% option sellers option ट्रेडिंग में पैसा कमाते हैं और केवल 5% option बायर्स को ही option ट्रेडिंग में नुकसान होता है।
लेकिन फिर भी 80% लोग option buying करते हैं और बचे हुए सिर्फ 20% ट्रेडर्स ही option selling करते हैं।
मतलब option buying में नुकसान के बावजूद भी अधिकतर लोग सिर्फ option buying ही करते हैं ना कि option selling. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि option buying को आप कम पैसे से शुरू कर सकते हैं
जबकि option selling करने के लिए आपको लाखों रुपए की जरूरत पड़ती है. इसीलिए Option writing यानी option selling अधिकतर प्रोफेशनल ट्रेडर्स ही करते हैं और यही कारण है कि इंडिया में 80% लोग option selling की तुलना में option buying करना ज्यादा पसंद करते हैं।
ऑप्शन खरीदना बेहतर है या बेचना – Option buying vs option selling which is best?
option buying अच्छा है या option selling . यानि option buying करना चाहिए या option selling? इसका उत्तर यह है कि अगर आप कम समय में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आपको option buying करना चाहिए. लेकिन अगर आपके पास ज्यादा पैसा है तो option selling आपके लिए अच्छा है।
अगर आपके पास option ट्रेडिंग करने के लिए बहुत कम पूंजी है तो आप option buying से शुरुआत कर सकते हैं। फिर जब आपका मुनाफा बढ़ने लगे और अच्छा खासा पूंजी हो जाए तो option selling करना शुरू कर सकते हैं।
option buying और option selling में से कौन अच्छा है?
option ट्रेडिंग में जो लोग नये हैं उनके लिए option buying अच्छा है क्योंकि option buying में आप बहुत कम रुपयों से शुरुआत कर सकते हैं। लेकिन अगर आपको option ट्रेडिंग का थोड़ा बहुत अनुभव हो चुका है तो आपके लिए option सेलिंग करना बेस्ट है।
अगर हम option buying की बात करें, तो जब आप option को खरीदते हैं तो आपको केवल उसके ‘प्रीमियम’ के रूपये देने पड़ते हैं।
उदाहरण के लिए जैसे – अगर अभी Hdfc bank का शेयर भाव 2500 रुपये है और आपको लगता है कि एक हफ्ते से पहले यह 2600 तक पंहुच जाएगा. तो इस समय आप Hdfc bank का कॉल option खरीद सकते हैं जिसकी कीमत सिर्फ 40 या 50 रुपये होगी।
अब मान लो अगर 1 हफ्ते से पहले शेयर 2600 रुपये तक नहीं पहुंचता तो ऐसे में आपको 40 रुपये का नुकसान होगा.
यानि आपने प्रीमियम के लिए जितना पैसा दिया था उतना आपको नुकसान उठाना पड़ेगा।
लेकिन अगर मान लो 1 हफ्ते से पहले Hdfc bank का शेयर प्राइस 2600 रुपये तक चला जाता है तो आपको मुनाफा होगा।
अब अगर option selling की बात करें, तो ऊपर दिए गए उदाहरण में पहली स्थिति में जब Hdfc bank का शेयर प्राइस नहीं बढ़ता है तो option सेलर को 40 रुपये का मुनाफा होता है जबकि दूसरी स्थिति में शेयर प्राइस बढ़ने पर option सेलर को नुकसान होगा।
Option Buyer vs Option Seller in हिंदी
दिए गए उदाहरण में, अगर हम option buyer की बात करें तो उसका नुकसान केवल वही है जितना उसने प्रीमियम का भुगतान किया है। यानि जो रुपया उसने प्रीमियम के लिए दिया है केवल उतना ही अधिकतम नुकसान उसे हो सकता है जबकि मुनाफा अनलिमिटेड हो सकता है।
क्योंकि अगर Hdfc bank का शेयर प्राइस अगर अचानक से बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा तो option buyer के द्वारा खरीदे गए कॉल ऑप्शन प्रीमियम की कीमत अचानक से बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी.
और ऐसे में प्रीमियम की कीमत जितनी ज्यादा बढेगी उतना ही ज्यादा option सेलर को नुकसान होगा।
लेकिन मान लो अगर Hdfc bank का शेयर प्राइस बढ़ने के बजाय अचानक से बहुत ज्यादा घट जाता है तो ऐसे में option buyer का अधिकतम नुकसान 40 रुपये ही होगा.
कहने का मतलब यह है कि option buyer के लाभ होने के आसार अनलिमिटेड है और नुकसान केवल प्रीमियम का भाव है जबकि option seller को असीमित नुकसान हो सकता है अगर शेयर प्राइस बहुत ही ज्यादा ऊपर चला जाए.
लेकिन आपको बता दूं कि फिर भी option seller ही अधिकतर पैसा कमाता है। इसका कारण यह है कि किसी भी स्टॉक इंडेक्स के शेयर प्राइस का इतना तेजी से ऊपर जाने या नीचे गिरने की संभावना बहुत ही कम होती है और इसी का फायदा option seller को मिलता है।
मान लो अगर Hdfc bank का भाव एक ही रेंज में घूम रहा है मतलब ना तो उसका शेयर भाव ऊपर जा रहा है और ना ही नीचे.
वह Hdfc bank स्टॉक एक ही शेयर भाव के आसपास मार्केट में लंबे समय से ट्रेड कर रहा है तो ऐसे में उस स्टॉक का call या put option खरीदने वाले को नुकसान होगा जबकि बेचने वाले को मुनाफा होगा।
ऐसा इसलिए होगा क्योंकि option में time value की वजह से समय बीतने के साथ-साथ option प्रीमियम की कीमत भी कम होती जाती है जिसका फायदा option seller को होता है।
आपको बता दें कि एक option सेलर किसी option बायर से ज्यादा बार पैसा इसलिए कमाता है क्योंकि option seller अधिक रुपया इन्वेस्ट करके कम रिटर्न की उम्मीद करता है जबकि option buyer कम रुपया लगाकर अधिक रिटर्न की उम्मीद करता है।
प्रत्येक option सेलर जानता है कि उसने जो option बेचा है उसके प्रीमियम की कीमत बढ़ने के चांसेस बहुत कम है. और option बायर उस option को सिर्फ इसलिए खरीदता है क्योंकि उसके प्रीमियम की कीमत बहुत कम है।
और यही कारण है कि शेयर मार्केट में option ट्रेडिंग करने वाले 95% option sellers को लाभ होता है और option buyers को नुकसान होता है। जबकि बचे हुए सिर्फ 5% option buyers ही option ट्रेडिंग में पैसा कमाते हैं और इतने ही लोग option writing में पैसा गंवाते हैं।
सभी option seller जानते है कि उसने जो option sell किया है उसके प्रीमियम की कीमत बढ़ने की संभावना बहुत कम है. और option buyers उस option को सिर्फ इसलिए buy करता है क्योंकि उसके प्रीमियम की कीमत बहुत कम है।
यही वजह है कि शेयर बाजार में option ट्रेडिंग करने वाले 95% option sellers को लाभ होता है और option buyers को नुकसान होता है। जबकि बचे हुए सिर्फ 5% option buyers ही option ट्रेडिंग में पैसा कमाते हैं और इतने ही लोग option writing में पैसा गंवाते हैं।
