शेयर क्या है? What is Share in Hindi
शेयर का अर्थ होता है किसी कंपनी में आपकी हिस्सेदारी। अगर आपने किसी कंपनी का शेयर खरीदा है तो इसका अर्थ है कि आप उस कंपनी के कुछ हिस्से के मालिक हैं। मतलब उस कंपनी में आपका कुछ पैसा लगा हुआ है तो अगर कंपनी लाभ कमाती है या मुनाफे में जाती है तो आपका भी लाभ होता है और अगर कंपनी का नुकसान होता है तो आपका भी नुकसान होगा।
मान लो किसी कंपनी के कुल 100 शेयर हैं और उनमें से 10 शेयर आपके पास हैं तो आप उस कंपनी के 10% इक्विटी के हक़दार होंगे । इसी प्रकार से किसी भी कंपनी के शेयर होल्डर उसके अलग-अलग भाग के हक़दार होते है ।आप किसी की कंपनी के शेयर को घर बैठे किसी भी ब्रोकर के द्वारा ऑनलाइन खरीद और बेच सकते हैं।ब्रोकर कुछ वेबसाइट या apps होते हैं जो आपको शेयर्स को खरीदने और बेचने की सुविधा देते हैं। भारत में बहुत सारे ब्रोकर हैंजैसे: Zerodha, Upstox, Angel broking, Mstock, dhan आदि। इन ब्रोकर्स की apps यावेबसाइट पर आप किसी भी शेयर की खरीदारी और बिकवाली कर सकते हैं।
मान लो किसी कंपनी के कुल 100 शेयर हैं और उनमें से 10 शेयर आपके पास हैं तो आप उस कंपनी के 10% इक्विटी के हक़दार होंगे । इसी प्रकार से किसी भी कंपनी के शेयर होल्डर उसके अलग-अलग भाग के हक़दार होते है ।Share Market for newer in Hindi
नए लोग शेयर बाजार में शुरुआत करने से पहले, समझने के लिए इसे देखे।
मान लीजिए आपने कोई कंपनी शुरू किया और कुछ समय तक आपकी कंपनी बहुत अच्छी चली लेकिन अब आपको अपनी कंपनी को और ऊपर लेके जाना है जिसके लिए आपको 20 लाख रुपये की जरूरत है लेकिन आपके पास इतना रुपये नहीं है और ना ही आपका कोई परिवार या दोस्त इतना रुपया लगा सकता है तो ऐसे में आपको क्या करना चाहिए?
लेकिन आप सोचोगे कि मैं बैंक से कर्ज ले लूंगा और अपनी कंपनी में लगा दूंगालेकिन आपको भी पता है कि उस पर आपको ज्यादा ब्याज देना पड़ेगा तो फिर और क्या किया जा सकता हैं?एक आइडिया है आप अपनी कंपनी को शेयर बाजार में लिस्ट करवा देदीजिये और कंपनी के शेयर जारी कर दीजिये फिर लोग आपकी कंपनी के शेयर को खरीदने के लिए रुपया लगाएंगे।
अब बात यह आता है की किसी कंपनी को शेयर बाजार मे लिस्ट कैसे करते है
किसी भी कंपनी को शेयर बाजार में लिस्ट कैसे करें?
अगर आपको 20 लाख रुपये की अवश्यकता है तो आप अपनी कंपनी को शेयर बाजार मे लिस्ट करके 20 लाख रुपए आसानी से जमा कर सकते हैं इसके लिए सबसे पहले आपको अपनी कंपनी को शेयर बाजार (BSE या NSE) पर लिस्ट कराना होगा।
BSE यानी Bombay Stock Exchange जिस पर 5000 से भी ज्यादा कंपनियां मौजूद हैं. और NSE मतलब National Stock Exchange जिस पर 1500 से ज्यादा कंपनियां मौजूद हैं।
अपनी कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट कराने के लिए आपको सबसे पहले जाना होगा सेबी (SEBI) के पास। SEBI के पास आपको अपनी कंपनी की सभी विवरण देना पड़ता है और एक बार जब SEBI आपकी कंपनी को सत्यापित करके approval दे देती है. इसके बाद आप अपनी कंपनी को शेयर बाजार पर लिस्ट करवा सकते हैं।
अब आप पहली बार अपनी कंपनी के शेयर बेचने जा रहे हैं और आपको 20 लाख रुपये की जरूरत है तो आप ₹200 के हिसाब से 10,000 शेयर निकालेंगे और इसी को बोला जाता है IPO यानी Initial Public Offering मतलब कि जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर निकालती है और शेयर मार्केट पर लिस्ट होती है तो उसे ही IPO बोलते हैं.
जब लोग आपकी कंपनी के शेयर्स को खरीदेंगे और जब सारे शेयर बिक जाएंगे तो आपको 20 लाख रुपये मिल जाएंगे अपने बैंक account में।
शेयर की कीमत कैसे बढ़ती या घटती है?
शेयर मार्केट में किसी भी शेयर का भाव (Price) Demand और Supply के आधार पर बढ़ता या घटता है। मांग और पूर्ति के आधार पर ही कंपनी के शेयरों का कीमत लगता है।
अगर किसी कंपनी के शेयर की ज्यादा demand है और supply कम है तो उसके शेयर का भाव बढ़ जाता है, इसी प्रकार जब supply ज्यादा है और demand कम है तो शेयर का भाव घट जाता है।
हर कंपनी के शेयर का मूल्य (price) अलग-अलग होता है। हर छोटी बड़ी लिस्टेड कंपनी रोज कारोबार करती है जिसमें उसे कभी लाभ तो कभी घाटा होता है और इसीलिए समय के साथ साथ कंपनी के शेयरों में बदलाव आता रहता है।
जब कंपनी का व्यापार बढ़ता है और कंपनी को लाभ होता है तो बहुत सारे निवेशक उस कंपनी के शेयर खरीदने लगते हैं और share का price बढ़ जाता है। ठीक इसके उल्टा जब कंपनी को घाटा (loss) होता है तो लोग उसके शेयर को जल्दी-जल्दी बेचने लगते हैं जिससे शेयर का भाव निचे आ जाता है (ताकि आगे चलकर अगर शेयर का price और कम हो तो उन्हें और ज्यादा नुकसान ना झेलना पड़े)
शेयर कैसे खरीदें और बेचे
शेयर बाजार में शेयर को खरीदने और बेचने के लिए बोलियां लगाई जाती हैं मतलब शेयर की नीलामी की जाती है।
इसमें जो बेचने वाला सबसे कम कीमत पर शेयर बेचने को तैयार होता है, और जो खरीदने वाला सबसे अधिक कीमत पर शेयर खरीदने को तैयार होता है, उन दोनों के बीच शेयर का आदान-प्रदान होता है, और यह दोनों एक दूसरे से शेयर को
इसे ही Bid price और Ask price बोला जाता है। बेचने वाला जिस कीमत पर शेयर को बेचने के लिए तैयार होता है उसे “Bid Price” और खरीदने वाला जिस कीमत पर खरीदने के लिए तैयार होता है उसे “Ask Price” कहते हैं।
किसी कंपनी का शेयर कैसे खरीदें?
किसी भी कंपनी के स्टॉक को खरीदने के लिए आपको 3 चीजों की जरूरत पड़ती है
Saving Account या Bank account: आपके पास किसी भी बैंक में saving अकाउंट होना चाहिए। जिससे आप फण्ड ऐड करोगे शेयर को खरीदने के लिए।
Demat Account: भारत में बहुत सारे ब्रोकर हैं जैसे: Zerodha, Upstox, Angel broking, Mstock, dhan आदि। पहले आपको किसी भी ब्रोकर द्वारा एक demat account खुलवाना पड़ेगा। उसके बाद जब आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो आपको उस कंपनी में हिस्सेदारी या इक्विटी मिलती है लेकिन उसके लिए आपके पास कोई सबूत भी तो होना चाहिए जिससे कि अगर आने वाले समय में कहीं कोई गड़बड़ी होती है, तो आप बता सको कि मेरा रूपया इस कंपनी में लगा हुआ है। इसीलिए आपने जो शेयर खरीदा है वह डिजिटल फॉर्म में सबूत के तौर पर आपके डीमैट अकाउंट में सुरक्षित रहता है। और जब आप उसे बेचते हो तो वहाँ से उठकर वापस कंपनी के पास चला जाता है। लगभग सभी ब्रोकर जहां पर आप ट्रेडिंग अकाउंट खोलते हो वह आपका फ्री में डिमैट अकाउंट भी खोल देते हैं।
Trading Account: भारत में जो Stock Exchanges हैं जैसे: BSE (Bombay Stock Exchange) और NSE (National Stock Exchange) ये Direct किसी कंपनी का शेयर खरीदते और बेचते नहीं हैं, इसके लिए कुछ डिस्काउंट ब्रोकर कंपनियां हैं जैसे: Angel Broking, Zerodha आदि। जिन पर जाकर ही हम किसी भी शेयर को खरीद और बेच सकते हैं और इन्हीं ट्रेडिंग स्थान पर हमारा जो खाता खुलता है (जिसमें आप शेयर को खरीदते या बेचते हैं) उसे ही ट्रेडिंग खाता या ब्रोकर खाता कहते हैं।


